भारत पूरी दुनिया में बाजरा का प्रमुख उत्पादक देश है। विश्व में होने वाले बाजरा के उत्पादन में भारत अग्रणी है। वहीं देश में राजस्थान बाजरा के उत्पादन में शीर्ष पर है। बाजरा में उच्च प्रोटीन होता है, जो उसे लोगों के लिए आदर्श फूड बनाता है। ज्वार, बाजरा, फिंगर मिलेट, पर्ल मिलेट आदि विभिन्न मोटे अनाजों में कई पोषक तत्व होते हैं। इन तत्वों से भरपूर सुपरफूड बाजरा के लाभों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए 25 सितंबर, 2023 से एक अक्टूबर, 2023 तक जयपुर में मिलेट फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है।
यह फेस्टिवल मिलेट के लिए एक अवसर के रूप में है। हम सभी जानते हैं कि उपभोक्ताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग, आरएंडडी सेक्टर और हरित क्रांति के बाद भी बाजरा के बारे में जागरुकता कम है। सरकार की पहल के कारण उच्च उपज वाले गेहूं और चावल का उत्पादन तो दोगुना हो गया, लेकिन बाजरा के उत्पादन में गिरावट आई है।
बाजरा जलवायु परिवर्तन, कीटों और रोगों का प्रतिरोधी है। इसके चलते यह बाजरा को विश्व जलवायु में भूख से निपटने के लिए स्थायी खाद्य स्रोत बनाता है। इसके अलावा, बाजरा की पैदावार कम पानी में भी की जा सकती है। बाजरा सूखे, कम उपजाऊ, पहाड़ी, आदिवासी और वर्षा सिंचित क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। बाजरा मिट्टी के लिए अच्छा होता है, इसमें खेती के चक्र कम होते हैं और कम लागत वाली खेती की आवश्यकता को पूरा करता है।
इन विशेषताओं को देखते हुए बाजरा के उत्पादन के लिए कम निवेश की आवश्यकता होती है। इस प्रकार बाजरा किसानों के लिए स्थायी आय का स्रोत साबित हो सकता है। बाजरा में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। साथ ही कैल्शियम, जस्ता, मैग्नीशियम सहित कई पोषक तत्वों का पावरहाउस है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बच्चों में शरीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही वयस्कों में हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को कम करते हैं। बाजरा मधुमेह के रोगियों के लिए आदर्श भोजन है और हृदय रोगों तथा पोषण की कमी से निपटने में मदद करता है। बाजरा के प्रसंस्करण से पोषक तत्वों की उपलब्धता में भी सुधार होता है।
लोगों को बाजरा के पोषण महत्व, इसके पोषण मूल्य में सुधार के लिए प्रसंस्करण, घर पर तैयार किए जा सकने वाले उत्पादों और सुविधा विकसित करने तथा बाजरा आधारित खाद्य उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इससे बाजरा की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। सामुदायिक स्तर पर बाजरा कुपोषण को कम करने में मदद करेगा। इसी तरह, खाद्य और पोषण सुरक्षा को संबोधित करने वाले सरकारी कार्यक्रमों में बाजरा को बढ़ावा देने से एक तरफ कुपोषण कम होगा और दूसरी तरफ बाजरा की मांग बढ़ेगी।
गौरतलब है कि साल 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत की अपील पर 72 से अधिक देशों द्वारा समर्थन करने के बाद वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया गया था। इस दौरान यूएनजीए ने कहा कि मिलेट वर्ष की घोषणा के बाद बाजरा के प्रति सभी में जागरुकता बढ़ेगी। बाजरा प्रतिकूल और बदलती जलवायु परिस्थितियों में खेती के लिए उपयुक्त फसल है। इससे सुधार के साथ ही नीतिगत परिस्थितियां भी मजबूत होंगी।
यूएनजीए ने कहा कि सितंबर, 2023 के दौरान जयपुर में सात दिवसीय मिलेट महोत्सव आयोजित करने का हमारा उद्देश्य (संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में) बाजरा सहित सभी प्रकार के मोटे अनाजों के प्रति सामाजिक जागरुकता, उत्पादन, खपत, निर्यात और ब्रांडिंग बढ़ाने के लिए सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों के माध्यम से पोषण संबंधी श्रेष्ठता को बढ़ावा देना है।
मिलेट फेस्टिवल को आयोजित करने के उद्देश्य
- इसके माध्यम से सूचना के अंतर को कम करने और लाभदायक कृषि के सपने को साकार करने के लिए कृषक समुदाय की सहायता करना है।
- जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा का समर्थन करने के लिए बाजरा की खेती की क्षमता के लिए नीतिगत हस्तक्षेप को आकर्षित करना है।
- लोगों द्वारा घर पर और साथ ही पूरक पोषण कार्यक्रमों में बाजरा के प्रसंस्करण (जो पोषण की उपलब्धता को बढ़ाता है) के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
- खाद्य और पोषण सुरक्षा को संबोधित करने वाले सरकारी कार्यक्रमों में बाजरा और बाजरा आधारित उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
मिलेट फेस्टिवल में इस तरह के आयोजन
यह कार्यक्रम आइसीडीएस, मध्याह्न भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), गृह विज्ञान के छात्रों, सरकार और संयुक्त राष्ट्र संगठनों, एफएओ, अंतरराष्ट्रीय संगठनों आदि के माध्यम से विभिन्न विभागों को शामिल करते हुए किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप निम्नानुसार होगा:
- बाजरा की घरेलू खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी
- विकेंद्रीकृत बाजरा प्रसंस्करण उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा
- बाजरा फसल प्रणालियों की उत्पादकता में सुधार होगा
- बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से बाजरा का विपणन
- राज्य पोषण कार्यक्रमों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बाजरा को शामिल करना
संयुक्त राष्ट्र महासभा का उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र महासभा का कहना है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम भारत की ओर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जो बाजरा फसलों और उनके उत्पादों का प्रमुख उत्पादक और उपभोक्ता है। हमारे प्रयास एक महत्वपूर्ण खाद्य फसल के रूप में कुपोषण का मुकाबला करने और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष (2023) के दौरान नीतियों और कार्यक्रमों में शामिल करने के लिए इसकी पोषण श्रेष्ठता को बढ़ावा देने का समर्थन करेंगे।
इस तरह मनाया जाएगा सप्ताह
25 सितंबर : अंत्योदय दिवस
(भारत में हर साल 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस (गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान) मनाया जाता है। यह भारतीय नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती का प्रतीक है, जो भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक थे।)
27 सितंबर : विश्व पर्यटन दिवस
28 सितंबर : सूचनाओं तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस
29 सितंबर : खाद्य हानि और जल न्यूनीकरण पर जागरुकता का अंतरराष्ट्रीय दिवस
30 सितंबर : अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस
01 अक्टूबर : मिलेट फेस्टिवल का समापन
भारत में मिलेट फेस्टिवल का महत्व
भारत सरकार ने भी साल 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। इससे बाजरा, इससे बनने वाले व्यंजनों और मूल्य संवर्धित उत्पादों को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जा सकेगा। केंद्र सरकार का कहना है कि मिलेट फेस्टिवल का उद्देश्य इसे जन आंदोलन (पीपुल्स मूवमेंट) बनाना है। इसके लिए जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। गौरतलब है कि हर साल सितंबर में राष्ट्रीय पोषण माह अभियान चलाया जाता है, जो कि केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य मिशन मोड में कुपोषण की चुनौती का समाधान करना है। साथ ही 6 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाले बच्चों के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना भी एक लक्ष्य है।सरकार का कहना है कि माताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से हमारे अभियान को मदद मिलेगी, जो उन्हें स्वस्थ और पूर्ण जीवन जीने में मदद करने के लिए बुनियादी बातों की क्षमता और बाजरे के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
जयपुर बनेगा चर्चा का केंद्र
लोक संवाद संस्थान, जयपुर अपनी सहायक संस्थाओं और हितधारकों के साथ संयुक्त रूप से सात दिनों के लिए राजधानी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यादगार मिलेट महोत्सव का आयोजन करेगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के हजारों प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह उत्सव नीति निर्माताओं, वैश्विक संगठन एफएओ, यूनिसेफ और अन्य स्थायी विकास संगठन, राष्ट्रीय स्तर के मीडिया पर्सन, विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, शोधकर्ता, अनुसंधान संस्थान, निर्यातक, कृषि विश्वविद्यालय, केवीएस, कृषि व्यवसाय करने वाली कंपनियां, किसान उत्पादक संगठन, किसान संघ, कृषि उपकरण निर्माता, उद्योग और वाणिज्य संगठन, स्टार्टअप, मार्केटिंग एजेंसियां, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर्स, एसएचजी, सहकारी समितियां, पोषण विशेषज्ञ, चिकित्सक, रसोइये, गैर सरकारी संगठन, सिविल सोसायटी संगठन, प्रभावशाली नेता, संसद सदस्य, सेलिब्रिटीज, आदिवासियों की आवाज उठाने वाली संस्थाएं तथा इसमें रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए खुला रहेगा।
जयपुर में सात दिवसीय आयोजन में इस तरह कार्यक्रम
- 25 सितंबर (पहला दिन): फेस्टिवल का उद्घाटन, प्रदर्शनी, फूड कोर्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम
- दूसरा दिन: स्टोरी टेलिंग सेशंस, थीम आधारित पेपर प्रजेंटेशन
- तीसरा दिन: आंगनवाड़ी, एसएचजी, आइसीडीएस और सहकारी समितियों के लिए स्पेशल सेशंस। देश की 13.87 लाख आंगनवाड़ियों के साथ राजस्थान की 61,500 आंगनवाड़ियों सहित डेढ़ लाख स्टाफ, जिसमें आशा सहयोगिनियां भी शामिल हैं, के माध्यम से मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभ के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- चौथा दिन: महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से परिचर्चाओं का आयोजन। देशभर की सहकारी समितियों के नेटवर्क को इसमें जोड़ने की कोशिश।
- पांचवां दिन: किसानों के लिए नेशनल फार्मर्स कॉन्क्लेव। थीम आधारित जागरुकता कार्यशालाओं का भी आयोजन।
- छठवां दिन: प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजस्थान में बाजरा की अहमियत को प्रदर्शित किया जाएगा। कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विख्यात पद्मभूषण कोमल कोठारी पर विशेष सत्र। उनकी उपलब्धियों और कामों का प्रदर्शन।
- सातवां दिन: फेस्टिवल का समापन। अवॉर्ड समारोह। मिलेट के लिए विशेष कार्य करने वालों का सम्मान।
समारोह में प्रत्येक दिन यह भी
सात दिवसीय समारोह में प्रतिदिन प्रश्नोत्तरी, रेसीपी कॉम्पटिशन, फूड कोर्ट के जरिए मिलेट आधारित फूड स्टॉल्स का प्रदर्शन, मिलेट फूड प्रोसेसिंग, फार्मिंग, सफल किसान और मिलेट की खेती से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का प्रदर्शन। लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, मिलेट पर जागरुकता आधारित नुक्कड़ नाटक। रेसीपी बुक, प्रकाशित सक्सेस स्टोरीज और सफल प्रयोगों की प्रदर्शनियां। मिलेट रेसीपी, बेस्ट फोटो आदि को अवॉर्ड देने के साथ ही सोशल मीडिया पर जागरुकता और भाग लेने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा।
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