


29 अपेल 2022, जयपुर (राजस्थान) | राज्य सरकार टीकाकरण अभियान मिशन इंद्रधनुष तथा सामान्य टीकाकरण कार्यक्रम के तहत “जीरो डोज“ बच्चों को प्राथमिकता दे रही है। विश्व टीकाकरण सप्ताह के तहत आयोजित एक कार्यशाला में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जीरो डोज बच्चे वो हैं जिन्हें डिप्थीरिया, टेटनस और काली खांसी का एक भी टीका नहीं लगा है।
राजस्थान सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ रघुराज ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में टीकाकरण को बढावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की हैं|
यह कार्यशाला, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ, लोक संवाद संस्थान, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएनडीपी की ओर से आयोजित की गई थी।
एनएफएचएस 5 की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में पूर्ण टीकाकररण वाले बच्चों की संख्या 80 प्रतिशत हो गई है, जबकि एनएफएचएस 4 में यह 55 प्रतिशत ही थी। प्रदेश में दस तरह के टीके उपलब्ध हैं और हमारे यहां माताओं के लिए भी टीके हैं। पाली, दौसा और बाडमेर जैसे जिलों में तो टीकाकरण 90 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
“कोविड-19 टीकाकरण के मामले में राजस्थान अग्रणी राज्यों में हैं। लोगों को अब तक 10 करोड से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं। 12-15 वर्ष की आयु के 60 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण भी हो चुका है। हमने दस माह में इसेे पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।”
राजस्थन में टीकाकरण की स्थिति के बारे में और विस्तार से बताते हुए युनिसेफ के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष चावला ने कहा “टीकाकरण के मामले में राजस्थान राष्ट्रीय औसत से उपर है और यह उन कुछ राज्यों में शामिल है जहां महिलाओ का टीकाकरण पुरूषों के मुकाबले ज्यादा है। यह राज्य टीकों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जाना जाता है और हम “टाइम टू केयर” थीम पर काम करते हैंं।”
भारत में हर वर्ष करीब 2.9 करोड गर्भवती महिलाओं और 2.7 करोड बच्चों को युनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के तहत टीके लगाए जाते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5) के आंकडों के अनुसार 12-23 माह के बच्चों का पूर्ण टीकाकरण अखिल भारतीय स्तर पर 62 से 76 प्रतिशत तक पहुंच गया है जो अपने आप में बडी उपलब्धी है।
इस अवसर पर युनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ अनिल अग्रवाल ने बताया कि सरकार के साथ मिल कर काम कर रहे हैं और तकनीकी सहयोग के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों और मुश्किल पहुंच वाले समुदायों के लोगों को भी टीकाकरण के लिए मोबलाइज कर रहे हैं।
अभी चल रहे विश्व टीकाकरण सप्ताह के बारे में डॉ अनिल ने कहा “इस बार के टीकाकरण का सप्ताह “सभी के लिए दीर्घ जीवन” की थीम पर आधारित है। इसके जरिए हम दीर्घ और स्वस्थ जीवन के लिए टीकाकरण के महत्व और सक के लिए टीकाकरण के सिद्धांत को प्रतिपादित कर रहे हैं। यह कृतज्ञता, देखभाल और प्रेम के साथ टीकाकरण के लम्बे इतिहास (सामाजिक प्रमाण के साथ विश्वास पैदा करना) को सामने लाने का प्रयास है।
इस कार्यशाल के पैनल में प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञ जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन राजस्थान के सब रीजनल टीम लीडर राकेश विश्वकर्मा, जेएसआई डॉ रिशी शर्मा, युनिसेफ राजस्थान के डॉ अनिल अग्रवाल और राजस्थान सरकार के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ रघुराज शामिल थे। युनिसेफ के कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट अंकुश सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
विश्व टीकाकरण सप्ताह उन लोगों के शानदार काम को भी याद करता है जिन्होंने पिछलेे 300 सालों में टीकों के निर्माण, विकास और इन्हें लोगों तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
इस काम से जुडे लोगों को एक “सप्रेम पत्र“ भी भेजा जाएगा और इसके जरिए टीकाकरण को सम्भव बनाने वालों धन्यवाद दिया जाएगा।
इस कार्यक्राम कि कुछ अन्य झलकियां






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